जाने धार के काल भैरव मंदिर के बारे में

ऐतिहासिक है कालभैरव----- ऐसी पौराणिक मान्यता है की धार के कालभैरव की स्थापना उज्जैन के कालभैरव से एक दिन पहले हुई थी। उस समय के तांत्रिक रत्ननागर ने धार राज्य की रक्षा के लिए इन भैरव की स्थापना की थी। और एक प्रतिमा को तंत्र द्वारा दो कर के दूसरी उज्जैन में स्थिपित की थी। एक समय धार का कालभैरव मंदिर तंत्र का महाविद्यालय हुआ करता था!जहा दूर दूर से विद्यार्थी तंत्र की शिक्षा प्राप्त करने आते थे! आज भी मंदिर के पास बहुत सारे पत्थरो से निर्मित कमरे बने हुए है। उस समय के एक सिद्ध तांत्रिक रत्ननागर यहाँ तंत्र की शिक्षा दिया करते थे!आज भी उनकी समाधी इस जगह बनी हुऐ है! मंदिर के पास ही एक विशाल तालाब है नट नागरा तालाब कहा जाता है!